बलिया : कार्तिक पूर्णिमा पर विविध कार्यक्रमों का हुआ आयोजन, थीम गीत लॉन्च,पहली बार लेजर शो का हुआ आयोजन
- गंगा के तट शिवरामपुर घाट पर भव्य एवं दिव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन
- काशी के विद्वानों ने विधिवत की मां गंगा की महा आरती
- आकर्षण का केंद्र रहा लेजर शो
- थीम गीत ने बलिया के ऐतिहासिक व क्रांतिकारी इतिहास से श्रद्धालुओं को कराया परिचय परिचय
- भृगु क्षेत्र के नाम से बनाया गया सेल्फी प्वाइंट
- शिवरामपुर घाट पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत एवं ठहरने के लिए भी की गई थी अनेक व्यवस्थाएं
बलिया। भृगु बाबा की नगरी में कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर बृहस्पतिवार को मां गंगा के तट शिवरामपुर घाट पर भव्य एवं दिव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। शिवरामपुर घाट पर दीपों को 'कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएं' तथा 'देव दीपावाली' के आकर में सजाया गया। काशी से आए विद्वानों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गंगा पूजन कराया गया। गोरखपुर के प्रांत प्रचारक रमेश जी, जिलाधिकारी श्री प्रवीण कुमार लक्षकार, पुलिस अधीक्षक श्री विक्रांत वीर, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद बलिया संत कुमार मिठाई लाल गुप्ता सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने गंगा पूजन किया। इसके साथ ही आए श्रद्धालुओं ने भी गंगा पूजन किया। काशी के विद्वानों द्वारा विधिवत भक्तिमय गीत के साथ मां गंगा की दिव्य महाआरती की गई। श्रद्धालु मां गंगा की दिव्य आरती देखकर भक्तिमय हो गए।
इस बार मां गंगा तट पर आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा लेजर शो। गंगा तट पर प्रथम बार लेजर शो का आयोजन किया गया। ददरी मेला-2024 के थीम गीत, जिसे लिखा हैं विमल बावरा और अपनी आवाज दी हैं प्रणव सिंह 'कान्हा' ने, लेजर शो के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। थीम गीत ने बलिया के ऐतिहासिक व क्रांतिकारी इतिहास से परिचय कराया गया। ददरी मेला-2024 के थीम गीत को लॉन्च किया गया। भृगु क्षेत्र के नाम से सेल्फी प्वाइंट बनाया गया।
जिलाधिकारी श्री प्रवीण कुमार लक्षकार के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत एवं ठहरने के लिए भी अनेक व्यवस्थाएं की गई थी। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट भी तैनात किए गए थे। मुख्य राजस्व अधिकारी श्री त्रिभुवन भी शिवरामपुर घाट उपस्थित रहकर लगातार भ्रमण कर श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्या न होने पाए अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित करते रहे। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 02 पंडाल गांव बनाए गए थे।
महिलाओं के लिए मां गंगा पंडाल गांव एवं पुरुषों के लिए सरयू पंडाल गांव बनाया गया। शिवरामपुर घाट के दोनों किनारों पर राहत कैंप लगाया गए। पुलिस के 04 कैंप लगाए तथा चिकित्सा विभाग के 02 कैंप लगाए गए। इसके साथ ही खोया-पाया केंद्र ने भी सक्रियता से कार्य करते हुए खोए बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया। संपूर्ण शिवरामपुर घाट में 20 सीसीटीवी कैमरा भी लगा था।
एसडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर थी, ताकि कोई अपने घटना न होने पाए। गंगा नदी में सुरक्षा के दृष्टिगत बैरिकेडिंग कराई जाने से श्रद्धालुओं ने बेफिक्र होकर पुण्य की डुबकी लगाई। संपूर्ण शिवरामपुर घाट पर प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था थी। इसके साथ ही महावीर घाट से लेकर शिवरामपुर घाट तक भी प्रकाश की व्यवस्था की गई। 10 मोबाइल शौचालय तथा पेयजल के 10 टैंकर लगाए गए। दस गोताखोर, 20 नावें, 50 आपदा मित्र तैनात रहे, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न होने पाए।
कार्तिक पूर्णिमा पर 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाकर पवित्र स्नान किया।