बलिया : जांच में मिली वित्तीय अनियमितता, डीएम को सौंपी रिपोर्ट - Ballia Breaking
  • Ballia Breaking

    बलिया : जांच में मिली वित्तीय अनियमितता, डीएम को सौंपी रिपोर्ट


     बांसडीह (बलिया)।स्थानीय विकास खण्ड के ग्राम पंचायत केवरा में लाखों के शासकीय धन का दुरुपयोग व अनियमितता उजागर हुई है । अनियमितता की रिपोर्ट को डीएम बलिया को प्रेषित की गई है जल्द ही वित्तीय अनियमितता में शामिल ग्राम प्रधान व सचिव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

     आपको बता दे कि विगत 21 सितंबर को बांसडीह तहसील में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में केवरा के चंदन तिवारी ने गांव में ग्राम पंचायत द्वारा कराये गये कार्यो को लेकर भारी अनियमितता बरते जाने की शिकायत की थी।जिसके बाद डीएम द्वारा इस संबंध में जिला विकास अधिकारी को शिकायत में संबंध में जांच करने के आदेश दिए गये थे।


     आदेश के क्रम में केवरा पंहुचे जिला विकास अधिकारी आनंद प्रकाश ने स्थानीय बीडीओ सचिव व प्रधान की उपस्थिति में ग्राम पंचायत में कराये गये कार्यो की जांच की तो बड़ी अनियमितता निकल कर सामने आ गयी। प्रकरण में जांच अधिकारी ने बिंदुवार तीन बड़े कार्यो की जांच की जिसमें प्रमुख रूप।से तीन अनियमितता पाई गयी।

    (1)गांव के प्राथमिक विद्यालय नं 2 से गांव के घर छोड़न के घर तक डेढ़ लाख की लागत से स्लैबयुक्त नाली व पेवर्स ब्लाक के मरम्मत का कार्य ।

     (2) ग्राम पंचायत केवरा में 1 लाख 57 हजार की लागत से अजय के घर से चौक तक पेवर्स ब्लाक का कार्य ।

     (3) ग्राम पंचायत में बबलू के घर से धर्मा के घर तक 4 लाख 78 हजार रुपये की लागत से स्लैबयुक्त नाली व इंटरलाकिंग का कार्य किया गया है। 

    उक्त तीनों कार्यों के स्थलीय सत्यापन में पाया गया कि इन कार्यों को कराने के लिये न तो कार्ययोजना बनाई गयी न ही वित्तीय अथवा नियम संगत तकनीकी स्वीकृति ली गयी और न ही निविदा का प्रकाशन किया गया। क्रम संख्या 3 के कार्य को दो वित्तीय वर्षो में एक ही स्थान पर अलग अलग कराकर शासकीय धन का दुरुपयोग किया गया है। इसके संबंध में कराये वये कार्यों के अभिलेख बिल वाउचर आदि कुछ भी नियमानुसार उपलब्ध नही है। 

    डीएम बलिया को प्रेषित अपनी जांच आख्या में जिला विकास अधिकारी ने यह स्पष्ट किया है कि ग्राम पंचायत में कराये गये कार्यों में भारी अनियमितता बरतने के साथ शासकीय धन का दुरुपयोग किया गया है। साथ ही सभी कार्यों में व्यय किया गया धन वसूली योग्य है। प्रकरण में डीडीओ द्वारा शिकायत की पुष्टि के बाद मामले में जल्द ही जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जा सकती है।