BREAKING NEWS : न्यायालय के आदेश पर तहसीलदार बांसडीह ,लेखपाल सहित तीन चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मारपीट,जालसाजी, एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज, न्यायिक जांच की मांग
बांसडीह बलिया। कोतवाली बांसडीह पुलिस द्वारा न्यायालय स्पेशल कोर्ट एससी/एसटी एक्ट के निर्देश पर सुखपुरा में हुए विवाद के मामले में गलत आख्या लगाने के आरोप पर बांसडीह के तहसीलदार निखिल शुक्ला और सुखपुरा के लेखपाल ओम जी गुप्ता सहित तीन चार व्यक्ति नाम पता अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी,147, 149,419,420,323,352,465, 417,504,506,392 सहित एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
वादी मुकदमा सुखपुरा निवासी शेषनाथ राम गोंड पुत्र स्व भरत राम ने आरोप लगाते हुए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था कि हमारे पड़ोस के ही दिलीप गुप्ता व उनके परिवार वाले हम लोग से जातीय विद्वेष रखते है,और ये लोग हमारे घर में घुसकर मुझे और मेरे घर वालो को बुरी तरह से मारा पीटा साथ जात सूचक शब्दो से संबोधित कर गाली गलौज किए जिसका मुकदमा मेरे द्वारा सुखपुरा थाने में दर्ज है।उक्त मुकदमे के विवेचका द्वारा जाति प्रमाण पत्र की मांग की गई मैंने अपना अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र उन्हें उपलब्ध करा दिया जो प्रमाण पत्र बांसडीह तहसीलदार द्वारा 2012 में जारी किया गया था। मेरे मुकदमे में कोई कार्यवाही नहीं होने से प्रार्थी द्वारा आईजीआरएस पर शिकयत किया तो पता चला कि मेरा प्रमाण पत्र तहसीलदार बांसडीह को जांच हेतु भेजा गया था।जांच आख्या में मेरे विपक्षी को कानूनी दंड से बचाने के लिए कागजी जालसाजी करते हुए मुझ प्रार्थी को पिछड़ी जाति का दिख गया।
मेरे द्वारा तहसील में पता करने पर पता चला कि संबंधित लेखपाल ओम जी गुप्ता अभियुक्त गण दिलीप गुप्ता के रिश्तेदार हैं तथा भारी रुपया लेकर तात्कालिक तहसीलदार निखिल शुक्ला को मिलकर सारी आख्या प्रेषित की गई है।
इस संबंध में मेरे द्वारा कई बार मामले में सही रिपोर्ट लगाने हेतु आग्रह किया गया लेकिन हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर टाल देते रहे।वही इस मामले में लेखपाल ओमजी गुप्ता द्वारा मेरे साथ काफी अभद्रता,गाली गलौज,जाति सूचक शब्दो का इस्तेमाल और मारपीट की गई।
क्या कहा कोतवाल बांसडीह ने
इस मामले में कोतवाल संजय सिंह ने बताया की नय्यालय के आदेश पर तहसीलदार बांसडीह निखिल शुक्ला और लेखपाल ओम जी गुप्ता सहित तीन से चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है,मामले में विधिक कार्यवाही प्रचलित है।
तहसीलदार बांसडीह निखिल शुक्ला
इस मामले में तहसीलदार बांसडीह निखिल शुक्ला ने बताया कि मामला फर्जी और बेबुनियाद है,शेषनाथ राम गोंड जाति के नही है,न्यायालय द्वारा एक पक्षीय,गलत और विधि विरुद्ध रूप से फैसला दिया है,न्यायलय द्वारा इस संबंध में हमारे विभाग से कोई जांच आँख्या नही मांगी गई है। प्रकरण में संबंधित जज के खिलाफ विजिलेंस कोर्ट में और कोतवाल बांसडीह के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की गई है। प्रकरण में पूरी तरह से वैधानिक प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ है। न्यायालय में सबको जवाब देना पड़ेगा।