बलिया:सिपाही को नहीं मिली छुट्टी,बेहतर इलाज नहीं मिलने से पत्नी की मौत,थानेदार पर कार्यवाही की मांग - Ballia Breaking
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    बलिया:सिपाही को नहीं मिली छुट्टी,बेहतर इलाज नहीं मिलने से पत्नी की मौत,थानेदार पर कार्यवाही की मांग


     बड़ी ख़बर बलिया के सिकंदरपुर से है जहां पत्नी के इलाज के लिए छुट्टी मांग रहे सिपाही को सिकंदरपुर के थानेदार ने डांट कर भागा दिया। बेहतर इलाज नहीं मिलने से सिपाही की पत्नी की मृत्यु हो गई।इस प्रकरण में शिकायत पत्र सोसल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

    बताया जा रहा है की बलिया के सिकंदरपुर थाने में तैनात 2019 बैच के सिपाही प्रदीप सोनकर कौशांबी जिले के शहजादपुर का निवासी है। सिपाही छुट्टी का एप्लीकेशन थानेदार को दिया तो उसे डांटकर भगा दिया। सही उपचार ना मिलने पर दो दिन बाद सिपाही की पत्नी मनीषा की मौत हो गई। पत्नी की असामयिक मौत और छह माह की पुत्री के सिर से मां का साया उठने से मर्माहत आरक्षी का रो रो कर बुरा हाल है। पीड़ित के भाई रोहित ने बताया कि इस घटता के बाद सिपाही प्रदीप की भी तबियत खराब है और उसे भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


    पीड़ित सिपाही ने थानेदार पर लगाया आरोप, एसपी से कार्यवाही की मांग

    पीड़ित सिपाही ने थानेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एसपी बलिया को लिखा सिपाही का पत्र सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहा है।

    Viral Letter 

    क्या है पूरा मामला

    कौशांबी जिले के शहजादपुर निवासी सिपाही प्रदीप कुमार सोनकर 2019 बैच के हैं। पत्नी की मौत से दु:खी प्रदीप की स्थिति भी ठीक नहीं है। प्रदीप के छोटे भाई और मां ने बताया कि 27 जुलाई को अचानक मनीषा की तबियत खराब हो गई। जिसकी सूचना प्रदीप को दी गई। सूचना के आधार पर प्रदीप ने थानाध्यक्ष से छुट्टी की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने अवकाश के प्रार्थना पत्र को न सिर्फ अस्वीकृत कर दिया, और डांट कर भगा भी दिया। इस बीच मनीषा की तबियत बिगड़ती चली गई। परिजन स्थानीय स्तर पर एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराए, लेकिन चिकित्सकों ने मनीषा को अन्यत्र ले जाने की सलाह दी। परिजन मनीषा को लेकर स्वरूपरानी अस्पताल प्रयागराज पहुंचे, जहां मनीषा ने दम तोड़ दिया। अंततः 29 जुलाई को प्रदीप डाक लेकर घर के निकला, लेकिन पहुंचने से पूर्व ही पत्नी के मौत की मनहूस खबर उस तक पहुंच गई। 

    छुट्टी के अभाव में पत्नी का नहीं करा पाया इलाज

    आरक्षी के परिजनों का आरोप है कि थानाध्यक्ष की असंवेदनशीलता के कारण प्रदीप समय रहते पत्नी का  इलाज नहीं करा पाया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। घटना के बाद सिपाही ने छुट्टी की अर्जी पर थानाध्यक्ष द्वारा किए गए दुर्व्यवहार को रेखांकित करते हुए एसपी समेत अन्य उच्चाधिकारियों को ट्वीट कर आप बीती सुनाते हुए न्याय की गुहार लगाई है। उधर सिकंदरपुर थाने में तैनात कुछ सिपाहियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रदीप का ईएल काफी अवशेष है, फिर भी उसे अस्वीकार करना समझ से परे है।

     इस संबंध में सीओ आशीष मिश्र का कहना है कि आरक्षी द्वारा छुट्टी का कोई भी लिखित प्रपत्र थाने पर नहीं मिला है, लेकिन ट्वीट के क्रम में मामले की जांच की जा रही है।



    छह महीने की है सिपाही की बच्ची

    पत्नी की अर्थी के पास खड़ा सिपाही छुट्टी ना मिलने पर विलाप करता रहा। अब विभाग ने सिपाही को 30 दिन की छुट्टी दी है। सिपाही ने थानेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सिपाही की मात्र छह माह की बेटी है जिसके सिर से मां का साया उठ गया है। पूरी घटना एसपी बलिया को बताते हुए सिपाही ने अपनी पत्नी की मौत के लिए थानेदार को जिम्मेदार ठहराया है।