रोहित पाण्डेय हत्याकांड मामला:हत्या में प्रयुक्त हथियारो पर उठे सवालों पर लगा विराम
बांसडीह (बलिया)। रोहित पांडे हत्याकांड में हत्या में प्रयुक्त हथियार (आलाकत्ल)को लेकर उठे सवालों पर पुलिस ने विराम लगाकर यह स्पष्ट कर दिया है कि रोहित की हत्या में एक ही हथियार का प्रयोग हुआ था।
आपको बता दे कि बीते 20 जुलाई को रोहित पांडे की धारदार हथियार से कोतवाली गेट के सामने हत्या कर दी गयी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि मृतक रोहित के शरीर पर कुल आठ बार धारदार हथियार से वार किया गया था। घटनास्थल पर कई अन्य हथियार बंद अभियुक्तों की उपस्थिति के कारण मामले में वादी पक्ष द्वारा यह सवाल खड़ा किया गया था की संदेह है कि मृतक के शरीर पर सभी आठ घाव एक ही हथियार के नहीं हैं। ऐसे में यदि कुछ अन्य हथियारों का प्रयोग भी किया गया है तो फिर आलाकत्ल एक ही क्यों है।
इस संदेह को को गंभीरता से लेते हुए मुकदमें के विवेचक कोतवाल संजय सिंह ने इस संबंध में रोहित के शव का पोस्टमार्टम व उसके शरीर के जख्मों का परीक्षण करने वाले डाक्टर से इस संबंध में पत्र लिखकर जानकारी मांगी की क्या मृतक के शरीर पर लगे घावों कि प्रकृति में कोई भिन्नता थी। अथवा शरीर पर लगे गांव में एक से अधिक हथियारों का प्रयोग चिन्हित या प्रदर्शित होना पाया गया है। जिसके संबंध में रोहित का अंत्य परीक्षण करने वाले चिकित्सक ने लिखित रूप से यह बात स्पष्ट की है कि मृतक के शरीर पर लगी सभी चोटें एक ही हथियार की है। उनकी प्रकृति में कोई भिन्नता नही है। संबंधित चिकित्सक के इस पत्र के बाद मामले में आलाकत्ल को लेकर बना हुआ असमंजस अब समाप्त हो गया है और विवेचना आगे बढ़ गयी है। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक बांसडीह संजय सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि घटना में प्रयुक्त हथियार एक ही है जिसे पुलिस द्वारा पूर्व में ही बरामद कर लिया गया है।