निकाय चुनाव UPDATE: नगर विकास विभाग का नोटिफिकेशन रद्द,कोर्ट ने सत्तर पेज का जजमेंट दिया - Ballia Breaking
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    निकाय चुनाव UPDATE: नगर विकास विभाग का नोटिफिकेशन रद्द,कोर्ट ने सत्तर पेज का जजमेंट दिया



    इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का बड़ा फैसला,

    नगर विकास विभाग का  नोटिफिकेशन रद्द किया गया,हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की पिटिशन मंजूर की,

    यूपी सरकार के आदेश के खिलाफ कोर्ट का फैसला,नगर विकास विभाग के नोटिफिकेशन को रद्द किया,

    नगर विकास का आरक्षण नोटिफिकेशन गैरकानूनी- कोर्ट 

    कोर्ट ने सत्तर पेज का जजमेंट दिया,

    कोर्ट ने राज्य सर्कार दिया बड़ा झटका,

    कोर्ट ने बैगैर ओबीसी आरक्षण के ही चुनाव कराने का दिया आदेश,

    प्रशासक नियुक्त करने का भी आदेश निरस्त,

    लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश निकाय चुनावों को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी सरकार को झटका देते हुए निकाय चुनावों के लिए 5 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही राज्य सरकार को बगैर आरक्षण निकाय चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। अदालत का कहना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्धारित ट्रिपल टेस्‍ट ना हो, तब तक आरक्षण नहीं माना जाएगा। हाईकोर्ट ने 2017 के ओबीसी रैपिड सर्वे को नकार दिया है। यह निर्णय न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर दाखिल 93 याचिकाओं पर एक साथ पारित किया। लखनऊ बेंच ने यूपी सरकार की तरफ से निकाय चुनाव में किए गए ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया है। ओबीसी के लिए आरक्षित सभी सीटें अब जनरल मानी जाएंगी। अदालत ने निकाय चुनाव तत्काल कराने के भी निर्देश दिए हैं। अदालत का कहना है कि ओबीसी को आरक्षण देने के लिए एक आयोग बनाया जाए।

    ओबीसी आरक्षण के लिए कमीशन बनाने का निर्देश
    हाईकोर्ट के 70 पेज के फैसले के बाद यूपी में निकाय चुनाव का रास्‍ता साफ हो गया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए यूपी सरकार एक कमीशन बनाए। अगर सरकार और निर्वाचन आयोग चाहे तो बगैर ओबीसी आरक्षण तुरंत ही चुनाव करा सकती है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद यूपी सरकार की तरफ से जारी ओबीसी आरक्षण नोटिफिकेशन रद हो गया है। अगर सरकार चुनाव कराती है तो ओबीसी सीटों को जनरल ही माना जाएगा। वहीं एससी और एसटी सीटों के लिए सीटें पहले जैसी ही रहेंगी यानि उनमें कोई फेरबदल नहीं होगा।

    यूपी सरकार के जवाब से संतुष्‍ट नहीं था हाईकोर्ट
    पिछली सुनवाई 24 दिसंबर को हुई थी। सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता के वकील ने बताया था कि यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में अपने एक्शन को डिफेंड किया कि जो हमने नोटिफिकेशन जारी किया है वो बिल्कुल सही तरीके से जारी किया है। लेकिन कोर्ट उनसे बहुत ज्यादा संतुष्‍ट नहीं थी। कोर्ट का कहना था कि आपने जो ये एक्सरसाइज की है उसका कोई डाटा नहीं है। बिना डाटा के ये एक्सरसाइज पूरी कैसे कर ली है। कोर्ट उनसे डाटा मांग रही थी लेकिन सरकार ने कोर्ट के समक्ष कोई डाटा प्रस्तुत नही किया है।

    साभार-NBT