निकाय चुनाव : आरक्षण को लेकर चर्चाओ से अफवाहों का बाजार गर्म - Ballia Breaking
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    निकाय चुनाव : आरक्षण को लेकर चर्चाओ से अफवाहों का बाजार गर्म


     बांसडीह,बलिया। निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद की आरक्षण के लिए अभी शासन कि तरफ से कोई निर्देश नहीं लेकिन नगर निकाय चुनाव मे स्थानीय नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के आरक्षण को लेकर कस्बे के चाय की दुकानों पर लगने वाली भीड़ में  हो रही निकाय चुनाव आरक्षण की चर्चाओ से अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है । अल सुबह ही कस्बे कि सभी चाय कि दुकानों पर समर्थको  एव उम्मीदवारों भीड़ लग जा रही है , कोई समान्य तो कोई पिछड़ा तो कोई अनुसूचित जाति की सीट होने का दावेदारी कर रहा है।दावेदारों की भीड़ आरक्षण पर अपना अपना समीकरण लगा कर सामने वाले को सही साबित करने मे पीछे भी नहीं हट रहे है। कारण है की नगर पंचायत के गठन के बाद अब तक यह सीट समान्य एव समान्य महिला के इर्द गिर्द ही रही है।कई महीनों से जनता की सेवा कर रहे अध्यक्ष पद के कई दावेदार वर्तमान मे आरक्षण को लेकर सयंस की स्थिति मे है तो कई डरे हुए भी है कि कही आरक्षण उनका समीकरण न ख़राब कर दे।हालाँकि जब से नगर पंचायत बांसडीह का गठन हुआ है तबसे यह सीट समान्य के ही झोली में जा रही है।

    बांसडीह नगर पंचायत का इतिहास पर एक नजर 

    नगर के बुजुर्गो के अनुसार नगर पंचायत बांसडीह का गठन आजादी से पहले सन 1885 मे हुआ और इसे नोटिफाईड एरिया का नाम दिया गया था। सन 1914-15 से अंग्रेजी हुकूमत प्रशासन रहा,1925 मे पहला चुनाव हुआ और गोविन्द प्रसाद सिंह ने चंद्रशेखर प्रसाद सिंह को हराकर पहले चेयरमैन बने ।सन 1927 मे भी गोविन्द प्रसाद सिंह पुनः चेयरमैन बने।सन 1930मे चंद्रशेखर सिंह ने गोविन्द प्रसाद सिंह के निधन के बाद चेयरमैन का पदभार संभाला।सन 1933 से 1952 तक ठाकुर बैजनाथ सिंह चेयरमैन रहे।सन 1952 से लेकर 1961 तक वीर विक्रम सिंह चेयरमैन रहे। सन 1961 मे वीर विक्रम सिंह के निधन के बाद जनता ने ठाकुर बैजनाथ सिंह को निर्विरोध चेयरमैन चुन लिया गया।सन 1971 मे विजयपाल सिंह चेयरमैन बने एव 1977 तक रहे। उसके बाद सरकार ने पुरे प्रदेश मे 17 वर्षो तक चुनाव नहीं कराया। उसके बाद संजय कुमार सिंह चेयरमैन बने, सन 1995 मे संजय कुमार सिंह  की माता श्रीमती शकुंतला देवी महिला चेयरमैन बनी। सन 2001 मे नन्दलाल सिंह चेयरमैन बने। सन 2006 में धीरेन्द्र बहादुर सिंह चेयरमैन बने। सन 2012 में पुनः नन्दलाल सिंह की पत्नी मनोरमा सिंह चेयरमैन बनी लेकिन कुछ समय बाद ही उनके आसमायिक निधन से नगर पंचायत रिक्त हो गया।सन 2013 में हुए उपचुनाव में सुनील कुमार सिंह चेयरमैन बने। 2017 से वर्तमान तक रेनू सिंह चेयरमैन है।